लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर https://eduardoiixze.wikiannouncing.com/5426304/top_guidelines_of_shiv_chalisa_lyrics