मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ…” دل کی یہ کھوٹی ہوئی ہمت نہیں آتی یہ درد ہے https://youtu.be/Lug0ffByUck