गौरोचन की सहायता से भोजपत्र पर लिखें और फिर सदाबहार फूलों के वृक्ष के नीचे शाम के समय गाड़ दें. ऊँ ऐं हीं श्रीं हीं हूं हैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय • रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले https://free-kundli51479.tusblogos.com/34832679/the-basic-principles-of-free-vashikaran